उज्जैन में कांग्रेस जिला महासचिव के साथ थाने में मारपीट का आरोप, महाकाल थाने का कांग्रेस ने किया घेराव; देर रात तक चला हंगामा!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में बीती रात उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब कांग्रेस के जिला महासचिव संजय विश्वकर्मा ने महाकाल थाने के टीआई गगन बादल पर थाने के अंदर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया। इस घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर करीब दो घंटे तक जोरदार नारेबाजी की और टीआई से माफी की मांग पर अड़े रहे। मामला इतना गरमा गया कि कांग्रेस नेता हेमंत सिंह चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ता रात को ही सड़क पर धरने पर बैठ गए।
पूरा मामला रविवार शाम चारधाम पार्किंग से जुड़ा है। संजय विश्वकर्मा के अनुसार, शाम करीब 6 बजे बाहर से आए श्रद्धालुओं का पार्किंग संचालक से विवाद हो गया था। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत कराया लेकिन तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई और केवल श्रद्धालुओं का आवेदन लेकर उन्हें रवाना कर दिया। विश्वकर्मा का आरोप है कि करीब चार घंटे बाद पुलिस ने उन्हें थाने बुलाया और वहां महाकाल थाने के टीआई गगन बादल ने उनके साथ मारपीट की।
जैसे ही यह खबर कांग्रेस खेमे में फैली, देर रात कांग्रेस नेता हेमंत सिंह चौहान कार्यकर्ताओं के साथ थाने पहुंचे। वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हंगामे में बदल गई। कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर सड़क पर बैठकर “टीआई माफी मांगो” जैसे नारे लगाए और आरोप लगाया कि जब श्रद्धालुओं की मदद करने की कोशिश की गई, तो पुलिस ने उल्टा कांग्रेस नेता को थाने बुलाकर पीट दिया।
हेमंत सिंह चौहान ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ पार्किंग में मारपीट हो रही है और पुलिस मौन है। जब कांग्रेस का कार्यकर्ता वहां स्थिति संभालने गया, तो उसे ही निशाना बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब उज्जैन में श्रद्धालुओं के साथ खड़े होने वालों को भी थाने में पीटा जाएगा?
हालांकि इस पूरे विवाद पर महाकाल थाने के टीआई गगन बादल ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि शाम को दो पक्षों के बीच गाड़ी की टक्कर को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया गया। श्रद्धालु पक्ष ने उसी समय आवेदन दे दिया था, जबकि संजय विश्वकर्मा चार घंटे बाद थाने पहुंचे और जबरन FIR दर्ज करने का दबाव बनाने लगे। पुलिस ने उन्हें शांतिपूर्वक समझाया, मारपीट जैसी कोई बात नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सीसीटीवी फुटेज दिखाकर स्थिति स्पष्ट की गई, जिस पर वे सहमत भी हो गए थे।